Navratri Aarti Special नवरात्री देवी जी की आरती

 

Ma Shailputri Ki Aarti

शैलपुत्री माँ बैल असवार , करें देवता जय जय कार करें ।।

 Ma Brahmacharini Ki Aarti

जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता , जय चतुरानन प्रिय सुख दाता ।।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो , ज्ञान सभी को सिखलाती हो ।।

ब्रह्म मन्त्र हेै जाप तुम्हारा , जिसको जपे सरल संसारा ।।

जय गायत्री वेद की माता , जो जन जिस दिन तुमको ध्याता ।।

कमी कोई रहने ना पाए , कोई भी दुःख सहने न पाए ।।

उसकी विरति रहे ठिकानें , जो तेरी महिमा को जाने ।।

रूद्राक्ष की माला ले कर , जपे जो मन्त्र श्रद्धा दे कर ।।

आलस छोड करें गुणगाना , माँ तुम उसको सुःख पहुँचाना ।।

ब्रह्मचारिणी तेरो नाम , पूर्ण करों सब मेरे काम ।।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी , रखना लाज मेरी महतारी ।।

Ma Chandraghanta Ki Aarti

जय माँ चन्द्रघण्टा सुख धाम , पूर्ण करों माँ मेरे काम ।।

चन्द्र समाज तू शीतल दात्री , चन्द्र तेज किरणों में समाती ।।

मन की मानक मन भाती हो , चन्द्रघण्टा तुम वर दात्री हो ।।

सुन्दर भाव को लाने वाली , हर संकट में बचानें वाली ।।

हर बुधवार को तम्हे ध्याये , श्रद्धा सहित विनय को सुनाए ।।

मूर्ति चन्द्र आकार बनाए , सन्मुख घी की ज्योति जलाएं ।।

शीश झुका कहे मन की बाते , पूर्ण आस करों जगत दात्री ।।

कांचीपुर स्थान तुम्हारा , कर्नाटिका में मान तुम्हारा ।।

नाम तेरा रटु हे महरानी , भक्त की रक्षा करों भवानी ।।

Ma Kushmanda Ki Aarti

पिङ्गला ज्वालामुखी निराली , शाकम्बरी माँ भोली भाली ।।

लाखों नाम निराले तेरे , भक्त कई मतवाले तेरें ।।

भीमा पर्वत पर है डेरा , स्वीकार करों प्रणाम ये मेरा ।।

सबकी सुनती हो जगदम्बे , सुख पहुचाती हो माँ अम्बे ।।

तेरे दर्शन का मैं प्यासा , पूर्ण करदों मेरी आशा ।।

माँ के मन में ममता भारी , क्यों ना सुनेगी अरज हमारी ।।

तेरे दर पर किया है डेरा , दूर करों माँ संकट मेरा ।।

मेरे कारज पुरे करदों , मेरे तुम भण्डारे भर दों ।।

तेरे दास तुझे ही ध्याए , भक्त तेरे दर शीश झुकाए ।।

Ma Skandamata Ki Aarti

जय तेरी हो स्कन्द माता , पांचवां नाम तुम्हारा आता ।।

सबसे मन की जानन हारी , जग जननी सबकी महतारी ।।

तेरी ज्योती जलाता रहूं मै , हरदम तुझे ध्याता रहूं मै ।।

कई नामों से तुम्हे पुकारा , मुझे एक है तेरा सहारा ।।

कही पहाडों पर है डेरा , कई शहरों मे तेरा बसेरा ।।

हर मन्दिर में तेरे नजारें , गुण गाये सब भक्त तुम्हारे ।।

भक्ति अपनी मुझे दिला दो , शक्ति मेरी बिगडी बना दो ।।

इन्द्र आदि देवता मिल सारे , करें पुकार तुम्हारे द्वारे ।।

दुष्ट दैत्य सब चढ कर आए , तू ही खण्ड हाथ उठाए ।।

दासों को सदा बचाने आयी , भक्त की आस पुजाने आयी ।।

Ma Katyayani Ki Aarti

जय जय अम्बे जय कात्यायनी , जय जग माता जग की महरानी ।।

बैजनाथ स्थान तुम्हारा , महावर दात्री नाम पुकारा ।।

कई नाम है कई धाम है , यह स्थान भी सुखधाम है ।।

हर मन्दिर में ज्योति तुम्हारी , कही योगेश्वरी महिमा न्यारी ।।

हर जगह उत्सव होते रहते , हर मन्दिर में भगत है कहते ।।

कात्यायनी रक्षक काया की , ग्रन्थि को मोह माया की ।।

झूठे मोह से छुडानें वाली , अपना नाम जपाने वाली ।।

बृहस्पतिवार को पुजा करिए , ध्यान कात्यायनी का धरिये ।।

हर संकट को दूर करेगी , भंडारे भरपूर भरेगी ।।

जो भी माँ को भक्त पुकारे , कात्यायनी सब कष्ट निवारे ।।

Ma Kalaratri Ki Aarti

Ma Mahagauri Ki Aarti

 Ma Sidhidatri Ki Aarti

जय सिद्धिदात्री माँ तू सिद्धि की दाता , तु भक्तों की रक्षक तू दासों की माता ।।

तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि , तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि ।।

कठिन काम सिद्ध करती हो तुम , जब भी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम ।।

तेरी पुजा में तो ना कोई विधि है , तू जगदम्बें दाती तू सर्व सिद्धि है ।।

रविवार को तेरा सुमिरन करें जो , तेरे मूर्ति को ही मन में धरे जो ।।

तू सब काज उसके करती है पूरे , कभी काम उसके रहे ना अधूरे ।।

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया , रखे जिसके सिप पर मैया अपनी छाया ।।

सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली , जो है तेरे दर का ही अम्बें सवाली ।।

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा , महा नंदा मंदिर में है वास तेरा ।।

मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता , भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता ।।





हमसे जुड़े

Translate

Featured Post