जय तेरी हो स्कन्द माता , पांचवां नाम तुम्हारा आता ।।
सबसे मन की जानन हारी , जग जननी सबकी महतारी ।।
तेरी ज्योती जलाता रहूं मै , हरदम तुझे ध्याता रहूं मै ।।
कई नामों से तुम्हे पुकारा , मुझे एक है तेरा सहारा ।।
कही पहाडों पर है डेरा , कई शहरों मे तेरा बसेरा ।।
हर मन्दिर में तेरे नजारें , गुण गाये सब भक्त तुम्हारे ।।
भक्ति अपनी मुझे दिला दो , शक्ति मेरी बिगडी बना दो ।।
इन्द्र आदि देवता मिल सारे , करें पुकार तुम्हारे द्वारे ।।
दुष्ट दैत्य सब चढ कर आए , तू ही खण्ड हाथ उठाए ।।
दासों को सदा बचाने आयी , भक्त की आस पुजाने आयी ।।
जय जय अम्बे जय कात्यायनी , जय जग माता जग की महरानी ।।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा , महावर दात्री नाम पुकारा ।।
कई नाम है कई धाम है , यह स्थान भी सुखधाम है ।।
हर मन्दिर में ज्योति तुम्हारी , कही योगेश्वरी महिमा न्यारी ।।
हर जगह उत्सव होते रहते , हर मन्दिर में भगत है कहते ।।
कात्यायनी रक्षक काया की , ग्रन्थि को मोह माया की ।।
झूठे मोह से छुडानें वाली , अपना नाम जपाने वाली ।।
बृहस्पतिवार को पुजा करिए , ध्यान कात्यायनी का धरिये ।।
हर संकट को दूर करेगी , भंडारे भरपूर भरेगी ।।
जो भी माँ को भक्त पुकारे , कात्यायनी सब कष्ट निवारे ।।
कालरात्रि जय जय महाकाली , काल के मुंह से बचाने वाली ।।
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा , महाचंडी तेरा अवतारा ।।
पृथ्वी और आकाश पे सारा , महाकाली है तेरा पसारा ।।
खड्ग खप्पर रखने वाली , दुष्टो का लहू चखने वाली ।।
कलकत्ता स्थान तुम्हारा , सब जगह देखूं तेरा नजारा ।।
सभी देवता सब नर नारी , गावें स्तुति सभी तुम्हारी ।।
रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा , कृपा करें तो कोई भी दुःख ना ।।
ना कोई चिन्ता रहे ना बिमारी , ना कोई गम ना संकट भारी ।।
उस पर कभी कष्ट ना आवे , महाकाली माँ जिसे बचावें ।।
तू भी भक्त प्रेम से कह , कालरात्री माँ तेरी जय ।।
जय महागौरी जगत की माया , जय उमा भवानी जय महामाया ।।
हरिद्वार कनखल के पासा , महागौरी तेरा वहा निवासा ।।
चन्द्रकली और ममता अम्बे , जय शक्ति माँ जय जगदम्बे ।।
भीमा देवी विमला माता , कौशिक देवी जग विख्याता ।।
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा , महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ।।
सती सत हवन कुण्ड में था जलाया , उसी धुएं ने रूप काली बनाया ।।
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया , तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ।।
तभी माँ ने महागौरी नाम पाया , शरण आनेवाले का संकट मिटाया ।।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता , माँ बिगडा हुआ काम उसका सुधारती ।।
भक्त बोले तो सोच तुम क्या रहे हो , महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ।।
जय सिद्धिदात्री माँ तू सिद्धि की दाता , तु भक्तों की रक्षक तू दासों की माता ।।
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि , तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि ।।
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम , जब भी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम ।।
तेरी पुजा में तो ना कोई विधि है , तू जगदम्बें दाती तू सर्व सिद्धि है ।।
रविवार को तेरा सुमिरन करें जो , तेरे मूर्ति को ही मन में धरे जो ।।
तू सब काज उसके करती है पूरे , कभी काम उसके रहे ना अधूरे ।।
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया , रखे जिसके सिप पर मैया अपनी छाया ।।
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली , जो है तेरे दर का ही अम्बें सवाली ।।
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा , महा नंदा मंदिर में है वास तेरा ।।
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता , भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता ।।